सहेज रही थी रागिनी खुशगवार पलों को अपने आंचल में। सहेज रही थी रागिनी खुशगवार पलों को अपने आंचल में।
उल्टे सीधे फंदे बुनते-बुनते उसकी कलाइयां दुखने लगी थीं। उल्टे सीधे फंदे बुनते-बुनते उसकी कलाइयां दुखने लगी थीं।